Wednesday, January 10, 2018

'ऑपरेशन विजय': सेना ने महज 36 घंटे में पुर्तगाल शासन से आजाद करा लिया था गोवा


19 दिसंबर देश के इतिहास में वह तारीख है, जिस दिन भारतीय सेना ने गोवा, दमन और दीव को साढ़े चार सौ साल के पुर्तगाली साम्राज्य से आजाद कराया था। 18 दिसंबर, 1961 को भारतीय सेना ने गोवा में ऑपरेशन विजय की शुरुआत की और 19 दिसंबर को पुर्तगाली सेना ने आत्मसर्पण कर दिया।

व्यापारियों की पसंदीदा स्थान था गोवा


कहा जाता है कि आकार में छोटे होने के बावजूद गोवा शुरू से ही बड़ा ट्रेड सेंटर रहा है। अपनी लोकेशन की वजह से यह विदेशियों को शुरू से ही आकर्षित करता रहा। इतना ही नहीं मुगल शासन के समय भी अनेक शासक इसकी तरफ आकर्षित होते रहे ।

इस साल बज उठा गोवा की आजादी का बिगुल


कहा जाता है कि गोवा की आजादी के लिए लिए 1950 के आसपास प्रदर्शन ने जोर पकड़ा। 1954 में भारत समर्थक गोवा के स्वतंत्रता सेनानियों ने दादर और नागर हवेली को मुक्त करा लिया। यहां से आंदोलन और तेज हुआ। 1955 में करीब 3000 से अधिक सत्याग्रहियों ने गोवा की आजादी के लिए आंदोलन शुरू कर दिया।

आन्दोलन के खिलाफ हिंसक हो गई थी पुर्तगाली सेना


इसके बाद पुर्तगाली सेना ने आंदोलन को कुचलने के लिए हिंसक रूप अख्तियार कर लिया। इस हिंसा में बड़े पैमाने पर लोग मारे गए। लेकिन अब चिंगारी का आग का रूप ले चुकी थी। तनाव बढ़ा और भारत ने पुर्तगाल से सभी राजनयिक संबंध खत्म कर लिए। साथ ही भारत ने अंतररराष्ट्रीय मंच पर भी इस मामले को उठाया। हालांकि, भारत की इस कोशिश का कोई फायदा नहीं हुआ और बाद में भारत को सैन्य कार्रवाई करनी पड़ी।

पुर्तगालियों पर टूट पड़ी थी तीनों सेना


भारतीय सेना के तीनों अंगों ने आखिरकार 18 दिसंबर 1961 को जल थल और नभ से पुर्तगालियों पर जबर्दस्त हमला बोल दिया लेकिन इस बात का पूरा ध्यान रखा कि इसमें जनहानि कम से कम हो

सिर्फ 36 घंटे में आजाद करा लिया था गोवा


दरअसल, भारत सरकार की बार-बार आजादी की मांग के बावजूद पुर्तगाली शासन इन इलाकों को आजाद करने के लिए तैयार नहीं था। ऐसे में 18 दिसंबर 1961 को 'ऑपरेशन विजय' की कार्रवाई शुरू हुई। भारतीय सैनिकों ने गोवा में प्रवेश किया और युद्ध शुरू हुआ। बताया जाता है अगले ही दिन पुर्तगाली सेना ने आत्मसमर्पण कर दिया। कहा जाता है कि करीब 36 घंटे चले इस युद्ध में 19 दिसंबर को भारत ने गोवा को आजाद करा लिया।

लिस्बन में नहीं मनाया गया था क्रिसमस  


गोवा मुक्ति पर लिखी गई केपी सिंह की पुस्तक के मुताबिक  गोवा के भारत के हाथों में चले जाने की खबर से लिस्बन शहर में शोक की लहर दौड़ गई थी और वहां पर क्रिसमस का त्यौहार बड़े बुझे मन से मनाया गया।

30 मई 1987 को गोवा बना राज्य


30 मई 1987 को गोवा  को राज्य का दर्जा दिया गया। इस तरह आजादी के करीब 14 साल बाद आजाद होकर भारत में शामिल हुआ गोवा भारत का एक नया राज्य बना। वहीं गोवा के साथ आजाद हुए दमन और दीव केंद्रशासित प्रदेश के रूप में बने हुए हैं।

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