Friday, February 7, 2020

'रॉयल इनफील्ड' से है भारतीय सेना का पुराना नाता, इस मिलिट्री ब्रांड से जुड़ी 11 बातें


'रॉयल इनफील्ड' और भारतीय सेना एक दूसरे से अनजान नहीं हैं या यूं कहें कि यानी बुलेट का सेना से बहुत पुराना संबंध है। यहां तक कि विश्व युद्ध के दौरान भी इस मोटरसाइकिल का इस्तेमाल किया गया और आज तक भी यह बाइक कई देशों की सेनाओं की पहली पसंद है। आजादी के बाद से बुलेट ने सैन्य बाइक के रूप में देश में एक अलग पहचान बनाई और आज बुलेट न सिर्फ सेना बल्कि आम लोगों के लिए भी स्टेटस सिम्बल बनी हुई है। आखिर आम लोगों में क्यों खास है और क्यों सेना की शान है बुलेट। आइये जानते हैं कुछ खास और रोचक बातें :

 छोटे बिजनेस से शुरू हुई थी कम्पनी


ब्रिटिश कम्पनी रॉयल एनफील्ड ने दरअसल, शुरुआत में एक हथियार बनाने वाली कम्पनी के रूप में बिजनेस शुरू किया था जिसकी 'एनफील्ड राइफल' काफी प्रसिद्ध थी। बाद में इसने साइकिल  व कार बनाना शुरू किया और इसे साइकिल कम्पनी के नाम से भी पहचाना जाने लगा।

इन्होने बनाई थी पहली बुलेट  


इस कम्पनी की पहली  मोटरसाइकिल सन 1885 में गॉटलीब डेमलर और विल्हेम मेबैक द्वारा जर्मनी में बनाई गई थी। इसे एक रेटवगेन (सवारी कार) कहा जाता था और यह पहला गैस संचालित वाहन था।'एनफील्ड राइफल' को ट्रिब्यूट करते हुए इस बाइक का नाम बुलेट रखा गया और इसका लोगो भी बुलेट जैसा डिजाइन किया गया।  

विश्व युद्ध से भी जुड़ा है बुलेट का इतिहास


सन 1909 में इस कम्पनी ने बुलेट मोटरसाइकिल बनानी शुरू की लेकिन यह कम्पनी ब्रिटेन नहीं बल्कि रूस को युद्ध के लिए बाइक बनाकर देती थी। रॉयल एनफील्ड ने बुलेट को साइड कार के साथ डिजाइन किया। जिसका प्रयोग प्रथम व द्वीतीय विश्व युद्ध में आर्मी मशीनगन के लिए प्रयोग करती थी। इसे हिंदी फिल्म 'शोले' में भी दर्शाया गया।

भारतीय सेना से खास संबंध


भारतीय सेना के साथ रॉयल एनफील्ड का इतिहास सन 1949 में शुरू हुआ, जब सरकार ने रॉयल एनफील्ड की बुलेट को देश की सीमा पर   गश्ती उपयोग के लिए बनाने का आदेश दिया था। तब से आज तक 'रॉयल एनफील्ड' ने भारतीय सेना के साथ एक संबंध बरकरार रखा है। 'रॉयल एनफील्ड बुलेट' इकलौती ऐसी बाइक है जिसे भारतीय सेना में  इस्तेमाल किया जाता है।

कम्पनी ने भारत में मद्रास मोटर्स के साथ किया था टाईअप


सन 1949 के दौरान जब भारतीय सेना के अधिकारियों ने बुलेट का परीक्षण किया तो उन्हें लगा कि पिछले वाहन की तुलना में यह काफी बेहतर है। इस तरह ब्रिटिश निर्माता कम्पनी को भारत सरकार से अपना पहला ऑर्डर मिला और उसने मद्रास मोटर्स के साथ मद्रास (चेन्नई) में एनफील्ड इंडिया के रूप में एक कारखाना खोला।

भारत-पाक बॉर्डर पर तैनात की गई थी पहली बुलेट


सन 1952 में भारतीय सेना ने कम्पनी से तकरीबन 800 रॉयल एनफील्ड बुलेट मोटरसाइकिल खरीदीं। इसके दो साल बाद रॉयल एनफील्ड कंपनी ने सन 1955 में भारत में इनका निर्माण करना शुरू किया। इनमें से कुछ बुलेट् को पंजाब में भारत-पाक सीमा पर गश्त के लिए लगाया गया था।

भारतीय वायुसेना के सम्मान में लॉन्च की है 'ब्लू बुलेट'


'रॉयल एनफील्ड' बुलेट बाइक्स बनाने के लिए भारत में  मशहूर है। एनफील्ड की क्लासिक 500 स्कावड्रन नीले कलर की बुलेट भारतीय वायुसेना के सम्मान में लॉन्च की गई है। यह काफी स्टाइलिश और क्लासिक है।

बुलेट का सबसे ज्यादा बिकने वाला मॉडल


सन 1995 में रॉयल एनफील्ड का बुलेट 350 CC बुलेट बनाई। यह कम्पनी का सबसे ज्यादा समय तक चलने वाला मॉडल है जो सन 1995 से  आज तक भी काफी डिमांड में है। कम्पनी ने इस मॉडल की 20,000 बुलेट्स मोटरसाइकिलों का प्रतिवर्ष निर्माण किया था। यह बाइक सेना के सभी मानदंडों पर खरी उतरती है।
भारतीयों की पहली पसंद

सन 1990 के बाद अन्य दोपहिया निर्माताओं ने भी भारतीय बाजार में अधिक एडवांस व्हीकल का उत्पादन करना शुरू कर दिया। लेकिन  भारतीय सेना 'रॉयल एनफील्ड' के साथ बनी रही और अभी भी इन मोटरसाइकिलों का उपयोग कर रही है। लम्बे समय तक राष्ट्र को सेवा देने वाली टीम के साथ इतने सालों का संबंध, ब्रांड के लिए एक देशभक्ति की भावना भी जोड़ता है। यही कारण है कि आप गणतंत्र दिवस परेड जैसे राष्ट्रीय अवसरों पर हैरतंगेज़ स्टंटों के लिए रॉयल 'एनफील्ड' बाइक का उपयोग करते हुए भारतीय सैनिकों को देखते हैं।

 भारत सहित 45 देशों में है बुलेट का जलवा  


'रॉयल एनफील्ड' भारत के साथ साथ अमेरिका, जापान, दक्षिण अमेरिका जैसे 45 अन्य देशों के लिए भी मोटरसाइकिलों का निर्यात करता है। यही नहीं, यह  बाइक इतनी विश्व प्रसिद्ध है कि अभी तक जितनी हर्ले डेविडसन बाइक पूरी दुनिया में बेंची गई हैं उससे कहीं ज्यादा बुलेट  अकेले भारत में बेंची गई हैं।

लोगों में आज भी बरकरार है बुलेट का क्रेज  


सन 1970 में 650 सीसी 700 सीसी की बाइक भी बाजार में उतारी लेकिन इसकी मांग न होने के कारण कम्पनी ने इसका निर्माण बंद कर दिया। इसके अलावा एक डीजल से चलने वाली बाइक भी बनाई जो सफल नहीं हुई और कम्पनी को इसका भी उत्पादन बंद करना पड़ा। खैर ! 'रॉयल एनफील्ड' बुलेट अपनी मजबूती, अपने आकर्षण और खास डिजाइन के लिए प्रसिद्ध है यही कारण है सेना के साथ-साथ आम युवाओं में भी इसका क्रेज आज भी बरकरार है।

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