Wednesday, February 5, 2020

ये हैं समंदर में चलते-फिरते 13 एयरबेस, जानें किस देश के पास कितने 'एयरक्राफ्ट कैरियर'


विमानवाहक युद्धपोत यानी समंदर में चलता फिरता एयरबेस, जिस पर विमान उड़ान भर सकते हैं और उतारे भी जा सकते हैं। आज ताकतवर देशों की नेवी के पास अपने एयरक्राफ्ट कैरियर हैं। लेकिन कुछ देश ऐसे भी हैं जिनके पास आधुनिक तकनीक से लैस युद्धपोत हैं। भारत भी ऐसे ही  देशों में शामिल हो चुका है आइये जानते हैं किस देश के पास कितने विमानवाहक युद्धपोत हैं:-

अमेरिका के पास है विशाल बेड़ा


अमेरिका की सेना दुनिया में सबसे ताकतवर मानी जाती है।  अगर बात विमानवाहक युद्धपोतों की की जाए तो इस मामले में भी वह सबसे आगे है। अमेरिका के पास वर्तमान में दस विमानवाहक युद्धपोत हैं। एक विमानवाहक युद्धपोत उसके पास रिजर्व में भी है। खास बात यह कि उसके ज्यादातर युद्धपोत अत्याधुनिक तकनीक से लैस हैं। 

चीन के पास भी हैं एडवांस एयरक्राफ्ट कैरियर 


बीते रविवार को चीन ने अपनी नौसेना को अत्याधुनिक बनाने की दिशा में एक और पड़ाव पार किया जब उसने पूरी तरह से अपने देश में तैयार विमानवाहक पोत को समंदर में उतारा। इससे पहले चीनी नौसेना के पास 'लिआओनिंग' नामक पोत है जिसे उसने वर्ष 2012 में अपनी नौसेना में शामिल किया था। रूस में निर्मित इस विमानवाहक युद्धपोत को उसने 1998 में यूक्रेन से खरीदा था। वर्ष 2030 तक चीन अपने बेड़े में चार विमानवाहक पोत शामिल करना चाहता है।

इटली


इटली की नौसेना की गिनती भी दुनिया की ताकतवर नौसेनाओं में होती है। उसके पास फिलहाल दो विमानवाहक युद्धपोत हैं। ये दोनों पोत क्रमशः 1985 और 2008 से सर्विस में हैं। दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान सन 1944 में इटली का एक विमानवाहक युद्धपोत डूब गया था और 1950 के दशक में उसे एक विमानवाहक पोत रिटायर करना पड़ा था। 

ब्रिटेन


एक वक्त था जब विमानवाहक पोतों के मामले में ब्रिटेन की तूती बोलती थी। तब उसके पास 40 पोत हुआ करते थे लेकिन आज उसके पास कोई विमानवाहक युद्धपोत नहीं है। हां, दो विमानवाहक युद्धपोत बनाने पर जरूर काम चल रहा है। दूसरे विश्वयुद्ध में ब्रिटेन के चार पोत नष्ट हो गए थे। 

फ्रांस


फ्रांस की नौसेना के पास इस समय एक विमानवाहक युद्धपोत है। फ्रांस ने दूसरे विश्व युद्ध के बाद के दशकों में सात विमानवाहक युद्धपोतों को रिटायर किया है।

जापान


विमानवाहक पोतों के मामले में दूसरे विश्व युद्ध से पहले जापान भी बड़ी ताकत था। उसके पास 20 विमानवाहक युद्धपोत थे। अमेरिका के साथ लड़ाई में उसे बड़ा नुकसान उठाना पड़ा। उसके 18 पोतों को अमेरिका ने युद्ध में नष्ट कर दिया। बचे दो पोतों को उसने विश्वयुद्ध खत्म होने के कुछ समय बाद कबाड़ में भेज दिया।  

रूस


सोवियत संघ का जब विघटन नहीं हुआ था तब विमानवाहक पोतों के मामले में वह बड़ी ताकत था। लेकिन आज रूस के पास सिर्फ एक विमानवाहक युद्धपोत है। सोवियत संघ के विघटन के बाद रूस ने चार विमानवाहक युद्धपोतों में से तीन को स्क्रैप कर दिया, जबकि एक भारत को बेच दिया था।

भारत


रूस में तैयार आईएनएस विक्रमादित्य 2013 से भारतीय नौसेना का हिस्सा है। आईएनएस विक्रांत 2016 तक इस्तेमाल होने के बाद रिजर्व में है। भारत का एक विमानवाहक युद्धपोत तैयार हो रहा है।

कनाडा


कभी विमानवाहक पोतों के मामले में कनाडा भी बड़ी ताकत था। साठ वर्ष पहले तक उसके पास ऐसे पांच पोत थे। किन्तु 1960 और 1970 के दशक में उन्हें रिटायर कर दिया। इस समय कनाडा के पास ऐसा कोई युद्धपोत नहीं है।

ऑस्ट्रेलिया


कभी ऑस्ट्रेलिया के पास भी तीन विमानवाहक युद्धपोत थे। 1950 के दशक के अंत तक उसने दो पोतों को रिटायर कर दिया। बचा एक विमानवाहक पोत भी 1982 तक ही सेवा में रहा।

स्पेन


खुआन कार्लोस यह नाम है स्पेन के विमानवाहक युद्धपोत का। वर्ष 2010 से यह शानदार पोत स्पेन की नौसेना का हिस्सा है। एक विमानवाहक युद्धपोत स्पेन के पास रिजर्व में भी है।

ब्राजील


ब्राजील के पास वर्तमान में फ्रांस में निर्मित एक विमानवाहक युद्धपोत है। इससे पहले 1960 के दशक में खरीदा गया विमानवाहक पोत 2001 तक ब्राजीली नौसेना में शामिल रहा है ।

थाईलैंड

थाईलैंड के पास फिलहाल  एक विमानवाहक युद्धपोत है, जिसे 1997 में तैयार किया गया था। थाई नौसेना में शामिल यह पोत आज भी अपनी सेवाएं दे रहा है।

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