Wednesday, February 5, 2020

सेकेंड वर्ल्ड वार में इन टैंकों ने मचा दी थी तबाही, 10 खतरनाक 'बैटल टैंक'


वैसे तो प्रथम विश्वयुद्ध में ही टैंकों का प्रयोग शुरू हो गया था पर सही मायनों में उनकी जाबांजी दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान सामने आई। इन टैंकों ने युद्ध में दोनों पक्षों के लिए अहम भूमिका निभाई। दोनों पक्षों ने दूसरे विश्व युद्ध से पहले और बाद में बड़ी संख्या में टैंकों का निर्माण किया। आज हम आपको दूसरे विश्वयुद्ध के दौर में ले चलते हैं और बताते हैं उस युद्ध के 10 सबसे ताकतवर टैंकों के बारे मेः
M4 Sherman Tank (United States)

दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान निर्मित यह दूसरा सबसे मजबूत टैंक था। अमेरिका और मित्र देशों के पश्चिमी सहयोगियों ने इसे बनाया। M4 Sherman Tank में 90 राउंड के साथ औसतन 75 mm का मेन गन था और इसका आर्मर अपेक्षाकृत पतला (76mm) था। वर्ष 1941 में इसे पेश किया गया। इसका नाम अमेरिकी सिविल वार के दौरान प्रसिद्ध जनरल William T Sherman के नाम पर रखा गया था। दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान ऐसे 50,000 टैंक बनाए गए।

Sherman Firefly (Britain)

Sherman के ब्रितानी संस्करण में विध्वंसक 17 pounder antitank gun फिट किया गया था। यह तब तक के सबसे घातक टैंकों में से एक माना जाता था। इससे धुरी राष्ट्र भी डरते थे। विश्वयुद्ध खत्म होने ऐसे 2,000 टैंक बनाए ज चुके थे।

Panzer 4 (Germany)

जर्मनी में निर्मित इस टैंक का दूसरे विश्वयुद्ध में काफी इस्तेमाल किया गया। इसमें 75mm की मेन गन लगी थी। इस टैंक ने 1200 मीटर की रेंज में सोवियत टैंक T 34  की धज्जियां उड़ा दी थीं। बाद में सोवियत टैंकों ने इसकी काट खोज ली और मास्को से लेकर बर्लिन तक सोवियत संघ ने लगभग 6,000 panzer IV  टैंकों की धज्जियां उड़ा दी थीं।

T- 34 (Soviet Union)

यह ऐतिहासिक टैंक दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान सर्वाधिक संख्या में निर्मित और सबसे ज्यादा उपयोग में लाया गया। सोवियत संघ ने लगभग 84,000 टैंकों का निर्माण किया था। बचे हुए टैंकों में से बहुत से अभी भी एशिया और अफ्रीका में हैं। इसकी लोकप्रियता इसके 45mm sloping frontal armor के कारण थी। जो panzer IV का प्रतिरोधी था।

MK V Panther (Germany)

एक मीडियम जर्मन टैंक जो लड़ाई के मैदान में 1943 में शामिल हुआ और लड़ाई खत्म होने तक सेना में बना रहा। यह तेज (34 मील प्रति घंटे) और मजबूत (20mm armor) टैंक था। और इसमें 79 से 82 HE rounds के साथ 75एमएम गन था। जो किसी भी टैंक को ध्वस्त कर सकता था। हालांकि बाद में सोवियत T-34 का निर्माण अधिक संख्या में हुआ। लेकिन युद्ध के आखिर तक इसकी स्थिति खासा मजबूत बनी रही।

Comet IA 34 (Britain)

ब्रिटेन के सबसे ताकतवर कॉम्बैट टैंकों में से एक था जिसमें उच्च क्षमता का 77 mm का मेन गन लगा था। जो 17 पाउंडर गन का ही एक छोटा रूपांतरण था। Comet IA 34 दूसरे विश्वयुद्ध के अंतिम चरणों में लड़ाई में शामिल हुआ। लेकिन अपने इस्तेमाल के कम समय में ही इसने एक मजबूत हथियार के रूप में अपनी ख्याति बना ली थी।

Tiger I (Germany)

Tiger I जर्मनी का एक हैवी टैंक था जिसके पास 920-120 राउंड का 88 mm मेन गन था जो जमीन और हवा दोनों जगह निशाना साध सकता था। इसकी 38 किलोमीटर प्रति घंटा की टॉप स्पीड थी। यह एक खतरनाक जर्मन टैंक था जिससे इसके शत्रु देश डरते थे लेकिन बाद में इसकी भी काट खोज ली गई थी।

IS 2 Iosif Stalin Tank (Soviet Union)

IS टैंक फैमिली के IS 2 हैवी टैंक में विशाल 122 mm मेन गन लगा था तथा एक sloped 120mm मोटे armor से सुसज्जित था। इसका निर्माण 1944 में शुरू हुआ और कुल 2252 IS टैंकों का निर्माण किया गया। बर्लिन की लड़ाई में IS 2 टैंकों का उपयोग मेन गन द्वारा High Explosive राउंड से जर्मनी के भवनों का नाश करने के लिए किया गया।

M26 Pershing Tank (United States)

अमेरिका द्वारा निर्मित हैवी टेंक दूसरे विश्वयुद्ध के अंतिम में इस्तेमाल में लाया गया। Sherman टैंकों की तुलना में Pershing अधिक आधुनिक टैंक था। 90mm की हैवी मेन गन वाला यह टैंक टाइगर जैसे टैंकों को ध्वस्त करने में सक्षम था। दूसरे विश्वयुद्ध के बाद Pershing टैंक का कोरिया युद्ध में इस्तेमाल किया गया और यह लगातार अमेरिका के लिए एक घातक टैंक के रूप में काम करता रहा।

Jagdpanther (Germany)

दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान इस्तेमाल में लाया गया सबसे शक्तिशाली विध्वंसक टैंक। 88mm मेन गन, 57 राउंडस और 100mm frontal armor क्रू को सुरक्षा प्रदान करता था। यह तीव्र गति के साथ दूर तक निशाना साध सकता था। लड़ाई के दौरान सिर्फ 415 टैंकों का निर्माण किया गया। युद्ध में 30 जुलाई 1944 को इसने France में St. Martin De Bois के निकट सिर्फ दो मिनट में 11 चर्चिल टैंकों को तहस-नहस कर दिया। हालांकि युद्ध के आखिर में शामिल होने के कारण इसका प्रभाव सीमित रहा।

No comments:

Post a Comment