Wednesday, February 5, 2020

पीली सरसों, गुनगुनी धूप और सुगंधित हवा...., इन शानदार तस्वीरों में देखें बसंत की अनुपम छटा

सर्द मौसम के बाद गुनगनी धूप, स्नेहिल और सुगंधित हवा के साथ बसंत ऋतु में प्रकृति की छटां देखते ही बनती है। गुलाबी ठंड और खेतों में खिले सरसों के फूल इस मौसम को और भी खूबसूरत बना देते हैं।

 

देवी सरस्वती की पूजा के साथ बसंत पंचमी का त्यौहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। पूरा आसमान रंग बिरंगी पतंगों से पटा है। वहीं प्रकृति की सुंदरता देखते ही बनती है। बसंत पंचमी के खास दिन हम आपके लिए लेकर आए हैं कुछ उम्दा तस्वीरें जिन्हें देखकर आप भी कह उठेंगे वाह ! क्या बात है: -



बसंत ऋतु में प्रकृति की छटा देखते ही बनती है। चारों ओर फैली हरियाली, गुलाबी ठंड और गुनगुनी धूप मौसम को और सुहाना बना देते हैं। इस तस्वीर को ही देखिए जहां तक नजर जाती है वहां तक सब बासंती नजर आता है।


इस ऋतु को सेहत के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। इस मौसम में तापमान न अधिक गर्म और न अधिक ठंडा रहता है। मंद मलय और मन को सुकून देने वाली फूलों की सुगंध तन मन को तृप्त कर देती है।


बंसत आते ही मधुमक्खियां शहर एकत्र करने के लिए फूलों का रुख करने लगती हैं। भंवरों की गुंजन तो मधुमक्खी की गुनगुनाहट मानों को कोई धुन सुना रही हो। प्रकृति के इस रूप को भला कौन नहीं निहारना चाहेगा।

बसंत पंचमी का दिन किसानों के लिए बेहद खास होता है। खेतों में सरसों की पीली धानी फसल लहलहा उठती है, चना, जौ, ज्वार-बाजरा और गेहूं की बालियां खिलने लगते हैं। ऋतुओं का राजा बसंत उनके लिए खुशिया और समद्धि लेकर आता है।

बसंत पंचमी के दिन विद्या की देवी सरस्वती और यह पावन पर्व मां सरस्वती को समर्पित है। माता सरस्वती को बुद्धि और विद्या की देवी माना जाता है।


प्रेम के देवता काम देव की पूजा होती है। राष्ट्रीय पक्षी मोर को देवी सरस्वती का वाहन और प्रेम का प्रतीक माना जाता है। प्रकृति की सुंदरता में चार चांद लगा देने वाले इस पक्षी को कुदरत ने बनाया ही ऐसा है। इस तस्वीर को ही देखें चटख रंगों वाला मोर के इस जोड़े से नजर ही नहीं हटती।

सखि आयो बसंत रितू को कंत, कूकै लगीं कोइलैं कदंबन पै... ये बुलबुल और गिलहरी एक साथ मिलकर शायद बसंत के आने की ही खुशी मना रही हैं। ऐसे अद्भुत नजारे भला कैसे किसी की नजर हटे।

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