Tuesday, February 20, 2018

विश्व की 5 खतरनाक ट्रेनिंग : हाथ-पैर बांध तालाब में फैंके जाते हैं सैनिक, पिलाते हैं कोबरा का जहर


किसी भी देश की असल ताकत उसकी सेना होती है और सेना की बहादुरी कड़ी ट्रेनिंग और अनुशासन पर टिकी होती है। एक आम इन्सान को कड़ी ट्रेनिंग देकर उसे एक बहादुर व मजबूत फौजी के रूप में तैयार किया जाता है। दुनिया के कई देशों में तो इन सैनिकों की ट्रेनिंग इतनी ज्यादा सख्त होती है कि ये सैनिक खुद भी इस ट्रेनिंग के दौरान रो पड़ते हैं यानी ट्रेनिंग में सख्ती की सारी हदें पार हो जाती हैं। आज हम आपको कुछ ऐसे ही दिल दहला देने वाली ट्रेनिंग के बारे में बताएंगे जिन्हें जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे और ये एहसास करेंगे कि कितनी मुश्किल चुनौतियों, मेहनत, दर्द, त्याग और बलिदान के बाद  वह कहलाता है एक फौजी  -:

यहां सैनिकों को दी जाती है सीने पर गोली खाने की ट्रेनिंग


सेना में में भर्ती होने के लिए मजबूत  हौंसले के साथ-साथ मजबूत सीना भी जरूरी है ताकि वह निडर होकर दुश्मन की गोली अपने सीने पर झेल सके।  हर देश अपने सैनिकों को दुश्मन को मारने के लिए कड़ी ट्रेनिंग देता है मगर रूस की सेना अपने स्पेशल सैनिकों को सीने पर गोली खाने की विशेष ट्रेनिंग देती है। युद्ध के दौरान यदि मुठभेड़ में दुश्मन उन पर हमला कर दे और उन्हें गोली लग जाए तो उस हालात से वाकिफ कराने और उनका खौफ दूर करने के लिए रूस के स्पेशल सैनिकों को इस ट्रेनिंग से हो कर गुज़ारना पड़ता है। इस ट्रेनिंग के दौरान कई सैनिक घायल भी हो जाते हैं।

हाथ-पैर बांधकर पानी में तैरने की विशेष ट्रेनिंग


यूएस नेवी की गिनती विश्व की सर्वश्रेष्ठ सेनाओं में की जाती है, ....और हो भी क्यों न ? उनके प्रशिक्षण का स्तर ही ऐसा होता है। US नेवी सील की कड़ी ट्रेनिंग के दौरान अपने सैनिकों के हाथ को कमर के पीछे बांध देते हैं और साथ ही उनके पैरों को भी बांध दिया जाता है फिर उन्हें पानी में धकेल दिया जाता है। ट्रेनिंग के दौरान अकसर सैनिक पानी में डूबने की वजह से बेहोश हो जाते हैं। इस ट्रेनिंग में  व्यक्ति की सारी क्षमताओं को उनके उच्च स्तर पर पहुंचाने की कोशिश की जाती है।

कोबरा सांप का खून पीने की जानलेवा ट्रेनिंग


कई बार फौजी किसी खास ऑपरेशन के दौरान ऐसे जगहों पर फंस जाते हैं जहां न खाने के लिए भोजन  होता है और न ही पीने के लिए पानी। ऐसे हालातों से निपटने के लिए यूएस मरीन्स कमांडो को एक ऐसी  ट्रेनिंग से होकर गुज़ारना पड़ता है जिसके बारे में सुनते ही आप हैरान रह जाएंगे। इस ट्रेनिंग में सैनिकों को कोबरा सांपों का खून पिलाया जाता है, उन्हें इसके लिए भी प्रशिक्षित किया जाता है कि वे जंगल में मिलने वाले जहरीले सांप, बिच्छु आदि को भी अपना खाना बना सके और उसके खून से अपनी प्यास बुझा सकें। सांप के शरीर के जहर वाले हिस्से को काट कर हटा दिया जाता है और फिर अपनी भूख मिटाने के लिए उसे सैनिक अपना निवाला बना जाते हैं।ये ट्रेनिंग उन्हें कठिनतम परिस्थियों में जीवित रहने के लिए दी जाती है।  

खुरदुरे पत्थरों पर नंगे बदन घिसटना

सैनिको को मिलने वाली ट्रेनिंग में सबसे ज्यादा दर्द इसी ट्रेनिंग में झेलना पड़ता है (फाइल फोटो)
ताइवान मरीन की 9 हफ्ते लम्बी ट्रेनिंग प्रोग्राम के आखिरी पड़ाव में दी जाने वाली ट्रेनिंग को कहा जाता है 'रोड टू हेवन' यानी 'स्वर्ग का रास्ता'। लेकिन आप इसके नाम पर बिलकुल न जाइएगा, क्योंकि ये ट्रेनिंग खुद में एक जीता-जगता नरक है। इस ट्रेनिंग के दौरान सैनिकों को नंगे बदन खुरदुरे पत्थरों पर घिसटकर 50 मीटर के ट्रैक पर आगे बढ़ना होता है।जिसमें कई सैनिक बुरी तरह घायल हो जाते हैं। इस ट्रेनिंग का मकसद सैनिकों की दर्द झेलने की क्षमताओं को इतना बढ़ा देना है कि वे श्मन की हर प्रताड़ना को झेल सके।

'नरक का हफ्ता'

ट्रेनिंग में एक ऐसा भी समय आता है जब सैनिकों को पूरे हफ्ते सोने नहीं दिया जाता (फाइल फोटो)
सोचिये आपको भयंकर नींद आती हो और आपको सोने न दिया जाए...? हममें से शायद कोई भी बिना सोये नहीं रह सकता लेकिन फ्लिपींस के सैनिकों की ट्रेनिंग के दौरान एक ऐसा भी समय आता है जब सैनिकों को नींद आती है मगर उन्हें सोने नहीं दिया जाता है। फिलीपींस नेवी सील की ट्रेनिंग में एक हफ्ते की ट्रेनिंग को नाम दिया गया है 'नरक का हफ्ता'। इस पूरे एक हफ्ते तक सैनिकों को सोने नहीं दिया जाता। दिन भर में उन्हें केवल के ही घंटे का आराम करने का समय मिलता है। यही नहीं, बिना सोए पूरे हफ्ते में हर दिन उन्हें मीलों दौड़ना होता है और तैराकी के साथ-साथ कई अभ्यास भी करने पड़ते हैं। इससे उनकी मानसिक और शारीरिक क्षमताएं इतना बढ़ जाती है कि जो आम इन्सान के लिए सोचना भी मुश्किल है।
(सभी फोटो : साभार गूगल)

No comments:

Post a Comment