अभी अभी कुछ शब्दों को जोड़ा, कुछ पंक्तियां बन गई जरा गौर फरमाईए .......
अपनी हिम्मत का राज मै बताता हूं,
जब संभलता हूं तो अपनी पीठ थपथपाता हूं।
दर्द में भी मुस्कुराता हूं बेहिसाब,
इस तरह जलने वालों को मैं जलाता हूं।
गले मिलकर भी गला दबा देते हैं लोग,
हाथ मिलाने में लोगों से अब घबराता हूं।
डूबने से डरता था मगर डूबा तो पार हुआ,
हर पहाड़ सी मुश्किल को अब राई बनाता हूं।
यह हकीकत है कि हूं मैं जिद्दी बहुत,
यही हथियार है इसके बल पर ही हर जंग जीत लाता हूं।
अपनी हिम्मत का राज मै बताता हूं,
जब संभलता हूं तो अपनी पीठ थपथपाता हूं।
दर्द में भी मुस्कुराता हूं बेहिसाब,
इस तरह जलने वालों को मैं जलाता हूं।
गले मिलकर भी गला दबा देते हैं लोग,
हाथ मिलाने में लोगों से अब घबराता हूं।
डूबने से डरता था मगर डूबा तो पार हुआ,
हर पहाड़ सी मुश्किल को अब राई बनाता हूं।
यह हकीकत है कि हूं मैं जिद्दी बहुत,
यही हथियार है इसके बल पर ही हर जंग जीत लाता हूं।
कल 07/03/2014 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
ReplyDeleteधन्यवाद !
बहुत सुन्दर.....
ReplyDeleteबहुत ही बढ़िया और गहन भाव व्यक्त करती सुन्दर रचना..
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