मेरठ के गंगानगर में कोरोना वायरस के डर से युवक ने चमगादड़ को डंडे से पीटकर मार डाला। युवक ने पेड़ पर बैठे चमगादड़ को पत्थर मारकर नीचे गिरा दिया। वहीं मेरठ का एक क्षेत्र ऐसा भी है जहां भारी तादाद में चमगादड़ पेड़ों पर लटके रहते हैं। अमर उजाला के कैमरे में कैद हुई विशाल चमगादड़ों की इन तस्वीरों को देखकर आप भी हैरान रह जाएंगे: -
कोरोना वायरस की दहशत में बुधवार को मवाना रोड पर एक व्यक्ति ने फ्लाइंग फॉक्स यानी फ्रूट बैट (चमगादड़) को मार डाला। लेकिन प्रकृति के लिए अनुकूल होते हुए भी इस जीव के बारे में ढेरों अफवाहें हैं।
लोग अक्सर चमगादड़ को नकारात्मक ऊर्जा, भूतप्रेत आदि से जोड़कर देखते हैं लेकिन आप शायद नहीं जानते होंगे कि बिहार के वैशाली जिले के सरसई गांव में चमगादड़ों की विशेष पूजा की जाती है। लोगों का मानना है कि हजारों की संख्या में गांव में मौजूद ये चमगादड़ उनकी रक्षा करते हैं।
पर्यावरण विशेषज्ञों की मानें तो चमगादड़ को जंगल का किसान भी कहते हैं, क्योंकि यह परागण में अहम भूमिका निभाते हैं। गूलर, अमरूद, कदम आदि के फलों को खाने के बाद ये जंगल में परागण करते हैं। इससे वहां नए पौधे तैयार हो जाते हैं।
मेरठ के सिविल लाइन इलाके में बरसों से ये चमगादड़ इसी तरह पेड़ों पर लटके नजर आते हैं। एसएसपी आवास के पास पेड़ों पर उल्टे लटके इन फ्लाइंग फॉक्स यानी फ्रूट बैट (चमगादड़) को देखकर आप हैरान रह जाएंगे। अब ये जीव तो प्रकृति प्रेमी हैं, फिर इनसे डर कैसा।
No comments:
Post a Comment