जिस दिन से मानव ने अंकों के विषय में अध्ययन शुरू किया अथवा उनका अपने दैनिक जीवन में महत्व को समझा, तभी से कुछ अंको को उनके निश्चित चरित्र के लिए पहचाना जाने लगा। कुछ अंक भाग्यशाली अंको के रूप में पहचाने गए, जबकि कुछ अंको का प्रयोग भी नकारात्मक दृष्टि से किया जाने लगा। ऐसा न सिर्फ हिंद धर्म में बल्कि पूरे वैश्विक अंकशास्त्र में दर्शित होता है। चीन जापान, अफ्रीका, भारत आदि सभी देशों में समान रूप से अंको पर अध्ययन किए गए और इन्हें अलग अलग कारणों के लिए शुभ और अशुभ अंक माना गया। चलिए क्यों न आज देश ओ दुनिया के इन्हीं कुछ शुभ व अशुभ अंकों पर चर्चा करें।
वैश्विक अंकशास्त्रों केअनुसार अंको के महत्व को अलग अलग मान्यताओं के तौर पर देखा जाता है यहीं नहीं इन सभी अंकों के अतिरिक्त भी विभिन्न देशों में सत्रह, बाईस, छब्बीस, उनसठ, आदि अंकों को भी अशुभ करार दिया गया है। हिंदु संस्कृति के अनुसार इन अंको को अशुभ माना जाता है जिनमें कोई शुभ कार्य, कोई निर्णय, गृह प्रवेश, विवाह या अन्य संस्कार अथवा यात्रा आदि करना अशुभ माना जाता है।
अंक सात- अधिकतर अंक सात को एक भाग्यशाली अंक के रूप में जाना जाता है मगर क्यों, सभी धर्मों में अंक सात को जड़ अंक माना जाता है। ऐसा कहा जाता है, कि ईश्वर ने संसार की रचना सात दिनों के भीतर की थी । करीब 1800 ईसा पूर्व के इतिहास में भी अंक सात को वर्णन मिलता है। जिसमें सौर मण्डल में सात ग्रहों का जिक्र किया गया है।
अंक तीन- अंक तीन को भारतीय संस्कृति में अनलकी नंबर के तौर पर देखा जाता है ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव की तीसरे नेत्र खुलने पर सृष्टि का नाश हो गया था। इसके विपरीत चीनी सभ्यता में इस अंक को आदर्श नंबर माना जाता है।अंक चार- यह अंक बैड लक के तौर पर देखा जाता है। जापानी संस्कृति में इस अंक का उच्चारण अंग्रेजी के डैथ शब्द के समान किया जाता है,इसलिए जापान,कोरिया और चीन में इस अंक को मृत्यु का प्रतीक माना जाता है। ऐशिया के कुछ हिस्सों में क ई इमारतों में फोर्थ फ्लोर नहीं होता है। इसके अलावा अधिकतर अपशब्दों को फोर लैटर वर्डस के तौर पर परिभाषित किया जाता है।
अंक पांच- अंक पांच को एक गुड लक नंबर के रूप में देखा जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह नंबर पांच तत्वों पृथ्वी अग्नि जल वायु आकाश को प्रदर्शित करता हैं और इन पांच तत्वों ही संसार की सृष्टि हुई है।
666- सिक्स हंडरेड सिक्स्टी सिक्स एक रोचक नंबर के रूप में देखा जाता है। यह कहीं पर लकी और कहीं पर अनलकी नंबर के रूप में प्रयोग किया जाता है । एशियन कल्चर में 666 क थिंग्स गोर्इंग स्मूदली के रूप में उच्चारित किया जाता है। कई स्थानों पर शॉपकीपर अपनी दुकानों के आगे इस अंक को एक गुड लक चार्म के रूप में भी लटका कर रखते हैं।
अंक तेरह- दुनिया भर मे अंक तेरह को लेकर कई प्रकार के मिथक और भ्रम फैले हुए हैं 13 से जुड़ी हर चीज को लोग पूरी तरह से अशुभ मानते हैं। तेरह तारीख को यदि शुक्रवार हो तो उसे और भी बेकार माना जाता है, इस दिन को फ्राईडे आॅन थर्टीन के रूप में देखा जाता है,इस दिन लोग कोई नया काम शुरू करने व कोई बड़ा फैसला लेने से कतराते हैं। केवल दो कारणों से अंक तेरह को बुरा माना जाता है एक तो यह कि ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाने से पहले उनके आखिरी भोजन में कुल तेरह लोग शामिल हुए थे, जिसके बाद कुछ पुराने चर्चों ने इसे मनहूस करार देकर वर्जित मान लिया। दूसरा प्रमुख कारण है अंक तेरह का प्रतीक, यह एक नर कंकाल है जिसके हाथ में हसिया एक धारदार हथियार है और वह किसानों की फसलों को काटकर उनका नुकसान कर रहा है, इसलिए इसे एक बुरा संकेत माना गया है, अंक तेरह को लेकर लोगों में एक अनजान सा भय रहता है। राजस्थानी में एक कहावत है कि तीन तेरह होना यानी परेशान होना या फिर किसी को नुकसान देना। अधिकांश लोग आज भी तीन तेरह के भय से अंक तेरह को पश्चिमी सभ्यता में सामान्य रूप से सभी स्थानों पर अनलकी नंबर घोषित किया है। चौदहवीं शताब्दी के शुरूआत से अंक तेरह को एक बैडलक नंबर के तहर जाना गया।
अंक ग्यारह- अंक ग्यारह को भी हिंदु संस्कृति में एक शुभ अंक का दर्जा दिया जाता है। इस अंक को सृष्टि का शुरूआती अंक माना जाता है।
अंक उन्नतीस- अंक उन्नतीस को भी अंक तेरह की ही तरह सऊदी अरब में मनहूस अंक का दर्जा दिया जाता है। ऐसा माना जाता है कि सऊदी अरब में कोई व्यक्ति इस नंबर को नहीं रखना चाहता और न ही वहां किसी इमारत में इस नंबर का कोईफ्लोर होता है और होटल आदि के कमरों में भी उन्नतीस के स्थान पर तीस और अठाईस अंक को रखा जाता है। यहां तक कि यहां के लोग स्वयं उन्नतीस अंक लेने से परहेज करते हैं।
अंक सात सौ छयासी- याद कीजिए फिल्म दीवार को जिसमें अमिताभ बच्चन को गोली लगती है और उन्हे कुछ नहीं होता बल्कि गोली उनके बिल्ला नंबर 786 से टकराकर बेकार हो जाती है, फिर फिल्म कुली में भी वही चमत्कारी बिल्ला लगाते हैं, वह जबरदस्त हमले मे घायल होते हें मगर जीत जिंदगी की होती है।आज वह और उनका परिवार वास्तविक जीवन में भी इस अंक को शुभ मानते हैं। दरअसल यह एक अरबी भाषा का शब्द है अबजद, जिसका मतलब होता है विद्या सीखने की पहली स्थिति यानी अलिफ बे ते, एबीसीडी अथवा कखगघ आदि सीखना। जो दूसरा अर्थ निकलता है वह एक प्रकार की विद्या है यह किसी भी शब्द के नंबर निकालने की विद्या है। इसमें किसी भी शब्द में जिन अक्षरों का प्रयो ग होता है उनको गिनकर जोड़कर जो योग निकलता है वही उस शब्द के अंक होते हैं। इसी हिसाब में अबजद से बिस्मिल्लाह हिर रहमानिर रहीम जिसके अर्थ होते हैं शुरू करता हुं उस अल्लाह के नाम से जो बेहद रहम वाला है यदि आप पूरे वाक्य के अंक अबजद से निकालेंगें तो 786 अंक मिलेगा। यहीं नहीं यदि हरे रामा, हरे कृष्णा के जोड़ को योग भी 786 ही निकलेगा। इस तरह यह हिंदु मुस्लिम एकता का प्रतीक भी है ।
No comments:
Post a Comment