यूपी पुलिस अपनी इमेज को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहती है। लेकिन इस बात में भी कोई शक नहीं कि यूपी पुलिस अपनी छवि बदलने को लेकर लगातार प्रयासरत है। कहने को जनता भले ही यूपी पुलिस को दबंग पुलिस के रूप में जानती हो लेकिन उत्तरप्रदेश पुलिस का एक और मानवीय चेहरा भी है जिसे हम कम ही देख पाते हैं। आज हम जो तस्वीरें आपके लिए लाएं हैं उन्हें देखकर आपको भी यूपी पुलिस पर गर्व होगा:-
उत्तरप्रदेश पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल भूपेंद्र सिंह तोमर ने फर्ज अदायगी की एक मिसाल पेश की। यूपी 100 पर तैनात भूपेन्द्र अपनी ड्यूटी पर थे कि उन्हें दो फोन आए। पहले फोन पर एक लड़के के घायल होने कि खबर मिली और दूसरे पर उनकी नवविवाहिता बेटी कि एक्सीडेंट में हुई मौत की खबर मिली लेकिन उन्होंने अपनी ड्यूटी को पहले चुना और घायल लड़के को अस्पताल पहुंचाया उन पर हाल ही में 'On Duty' नाम से एक डॉक्युमेंट्री फिल्म भी बनाई गई है।
ये हैं नीमगांव खीरी के इंस्पेक्टर संजय सिंह जिन्होनें मानवता की एक और मिसाल पेश की। हाल ही में उनके थाने में एक गरीब फरियादी अपनी पत्नी व बच्चों के साथ पहुंचा, बच्चों की दशा देख इंस्पेक्टर संजय सिंह ने तुरन्त बच्चों के लिए कपड़े व चप्पल मंगाकर उन्हें पहनाए और पूरे परिवार को मदद का भरोसा दिया।
उन्नाव जनपद की बांगरमऊ कोतवाली मे तैनात पुलिस कर्मी प्रमोद व तरूण को जैसे ही यह मालूम चला कि घायल बच्ची को रक्त की जरुरत है तो वे रक्तदान के लिए तुरंत दौड़ पड़े। वह बच्ची दुर्घटना में घायल हो गई थी।
व्यक्तिगत और पारिवारिक परेशानियों से तंग आकर एक वृद्ध आगरा फ़ोर्ट रेलवे स्टेशन पर आ रही ट्रेन के सामने पटरी पर लेट गए। यह देखकर वहां ड्यूटी पर मौजूद कॉन्स्टेबल विकल, रामपाल सिंह और रंजीत शर्मा ने तुरंत पटरियों पर कूदकर वृद्ध की जान बचायी। इन तीनों आरक्षियों को इस साहसिक कार्य के लिए इनाम भी दिया जा चुका है।
ये तस्वीर उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले की है। 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों का दाग़ मिटाने और पूरे UP में हिन्दू-मुस्लिम सौहार्द स्थापित रखने की दिशा में यूपी पुलिस का यह कदम सराहनीय है। यहां होली के अवसर पर थाना प्रभारी सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने एक अनोखी पहल करते हुए मदरसों के बच्चों को अपने हाथ से भोजन परोसा और उनके साथ खाना खाकर भाईचारे की एक अनोखी मिसाल पेश की। इसमें बच्चों के साथ-साथ मदरसे के वरिष्ठ लोग भी शामिल हुए।
साथ बैठे पुलिस अंकल, बच्चों का बदलेंगे कल ।जी हां यह तस्वीर है चंदौली पुलिस के डीएसपी त्रिपुरारी पांडे की। नक्सल प्रभावित इलाके में इस अधिकारी ने बच्चों की शिक्षा का बीड़ा उठाया है यहां उन्होंने 200 परिवारों के बच्चों को सफाई का पाठ पढ़ाया, टॉफियां व किताबें बांटी और नाई बुलवाकर उनके बाल भी कटवाए। यही नहीं अब ये बच्चे हर रोज स्कूल जाते हैं।
यह तस्वीर लखनऊ में हुई भीषण दुर्घटना के दौरान की है। जहां कई लोग घायल हुए इनमें कई बच्चे भी शामिल थे।पुलिस ने जरा भी देरी न करते हुए घायल बच्चों को अस्पताल पहुंचाया।
SP मिर्जापुर के मार्गदर्शन में गठित नक्सल प्रभावित गांव भवानीपुर, हिनौता, भीटी में ग्रीन ग्रुप की महिलाओं को आत्मरक्षा हेतु प्रशिक्षण दिया गया। पुलिस के सहयोग से उत्तर प्रदेश की यह ग्रीन ब्रिगेड अब बदमाशों को सबक सिखाने और किसी भी वक्त अपनी सुरक्षा करने के लिए तैयार है।
ऑन ड्यूटी 'नायक'
उत्तरप्रदेश पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल भूपेंद्र सिंह तोमर ने फर्ज अदायगी की एक मिसाल पेश की। यूपी 100 पर तैनात भूपेन्द्र अपनी ड्यूटी पर थे कि उन्हें दो फोन आए। पहले फोन पर एक लड़के के घायल होने कि खबर मिली और दूसरे पर उनकी नवविवाहिता बेटी कि एक्सीडेंट में हुई मौत की खबर मिली लेकिन उन्होंने अपनी ड्यूटी को पहले चुना और घायल लड़के को अस्पताल पहुंचाया उन पर हाल ही में 'On Duty' नाम से एक डॉक्युमेंट्री फिल्म भी बनाई गई है।
मानवता की मिसाल
ये हैं नीमगांव खीरी के इंस्पेक्टर संजय सिंह जिन्होनें मानवता की एक और मिसाल पेश की। हाल ही में उनके थाने में एक गरीब फरियादी अपनी पत्नी व बच्चों के साथ पहुंचा, बच्चों की दशा देख इंस्पेक्टर संजय सिंह ने तुरन्त बच्चों के लिए कपड़े व चप्पल मंगाकर उन्हें पहनाए और पूरे परिवार को मदद का भरोसा दिया।
किसी जिन्दगी के लिए
उन्नाव जनपद की बांगरमऊ कोतवाली मे तैनात पुलिस कर्मी प्रमोद व तरूण को जैसे ही यह मालूम चला कि घायल बच्ची को रक्त की जरुरत है तो वे रक्तदान के लिए तुरंत दौड़ पड़े। वह बच्ची दुर्घटना में घायल हो गई थी।
बुजुर्ग को मिला जीवनदान
व्यक्तिगत और पारिवारिक परेशानियों से तंग आकर एक वृद्ध आगरा फ़ोर्ट रेलवे स्टेशन पर आ रही ट्रेन के सामने पटरी पर लेट गए। यह देखकर वहां ड्यूटी पर मौजूद कॉन्स्टेबल विकल, रामपाल सिंह और रंजीत शर्मा ने तुरंत पटरियों पर कूदकर वृद्ध की जान बचायी। इन तीनों आरक्षियों को इस साहसिक कार्य के लिए इनाम भी दिया जा चुका है।
सौहार्द व भाईचारे की एक अनोखी मिसाल
ये तस्वीर उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले की है। 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों का दाग़ मिटाने और पूरे UP में हिन्दू-मुस्लिम सौहार्द स्थापित रखने की दिशा में यूपी पुलिस का यह कदम सराहनीय है। यहां होली के अवसर पर थाना प्रभारी सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने एक अनोखी पहल करते हुए मदरसों के बच्चों को अपने हाथ से भोजन परोसा और उनके साथ खाना खाकर भाईचारे की एक अनोखी मिसाल पेश की। इसमें बच्चों के साथ-साथ मदरसे के वरिष्ठ लोग भी शामिल हुए।
पुलिस अफसर की नायाब पहल
साथ बैठे पुलिस अंकल, बच्चों का बदलेंगे कल ।जी हां यह तस्वीर है चंदौली पुलिस के डीएसपी त्रिपुरारी पांडे की। नक्सल प्रभावित इलाके में इस अधिकारी ने बच्चों की शिक्षा का बीड़ा उठाया है यहां उन्होंने 200 परिवारों के बच्चों को सफाई का पाठ पढ़ाया, टॉफियां व किताबें बांटी और नाई बुलवाकर उनके बाल भी कटवाए। यही नहीं अब ये बच्चे हर रोज स्कूल जाते हैं।
दुःख के साथी
यह तस्वीर लखनऊ में हुई भीषण दुर्घटना के दौरान की है। जहां कई लोग घायल हुए इनमें कई बच्चे भी शामिल थे।पुलिस ने जरा भी देरी न करते हुए घायल बच्चों को अस्पताल पहुंचाया।
सुरक्षा से शिक्षा तक
SP मिर्जापुर के मार्गदर्शन में गठित नक्सल प्रभावित गांव भवानीपुर, हिनौता, भीटी में ग्रीन ग्रुप की महिलाओं को आत्मरक्षा हेतु प्रशिक्षण दिया गया। पुलिस के सहयोग से उत्तर प्रदेश की यह ग्रीन ब्रिगेड अब बदमाशों को सबक सिखाने और किसी भी वक्त अपनी सुरक्षा करने के लिए तैयार है।
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