Monday, March 26, 2012

आईलैंड आफ डॉल्स....

 कहते हैं इंसान को डराने के लिए एक खिलौना काफी है,लेकिन आप के आस पास ऐसे ही कुछ डरावने ढेरों खिलौनें हों तो आप कैसा महसूस करेंगें। मैक्सिको की 'टेस्यूहीलो' झील के किनारे ऐसा ही एक डरावना पयर्टन स्थल है जहां पंहुचने पर अंधेरे मे आपका भूतिया और किसी हॉरर मूवी का एहसास देगा।

अनोखा पर्यटन स्थल

'ला इस्ला डे ला मुनेकास'  एक स्पेनिश नाम जिसका अर्थ होता है 'आईलैंड आफ डॉल्स', मैक्सिको शहर के दक्षिण में नहरों से घिरा हुआ यह रहस्यमयी आईलेंड पर्यटकों को अपने अनोखेपन के लिए आकर्षित करता है। राजधानी से करीब 18 मील दूर इस आईलैंड पर  आते ही आपको हर कदम पर ऊपर-नीचे हर पेड़ पर टूटी-पुरानी और अजीबो-गरीब तरह से डॉल्स लटकी हुई नजर आएंगी इन डॉल्स को देखने पर लगता है कि ये छोटे बच्चों के मृत शरीर हो जिनमें कु छ डॉल्स आपको घूरती हुई नजर आएंगी जिन्हें देखकर लगता है कि इनकी मौत के जिम्मेदार आप ही हों। यहां आकर एक अजीब और रहस्यमयी माहौल महसूस  किया जा सकता है।

किसने बनाया यह डार्कलैंड

यह आईलैंड अपने आप में एक खौफनाक पर्यटन स्थल बन चुका है। इसके पीछे की कहानी पर गौर करें, तो मैक्सिको के डॉन जूलियाना सैन्टाना बैरिरा नामक एक व्यक्ति अपनी पत्नी और परिवार होने के बावजूद इस द्वीप पर अकेले रहने आया। वह शादीशुदा था फिर भी उसने अपनी जिंदगी के पचास वर्ष इसी द्वीप अकेले ही गुजारने का फैसला किया। वहां कुछ बच्चों के साथ खेलते हुए एक छोटी लड़कीउस नहर में डूब गई। । वह उस  छोटी लड़की को बचा नहीं सका, डॉन के मुताबिक उस छोटी लड़की के प्रेत का साया उससे रात में बातें किया करता था, जोकि नहर में डूब गई थी, बाद में उस लड़की का प्रेत के लिए वह उस नहर में गिरी और किनारे पर मिली  गुड़ियों को जमा करता और उन्हें किसी पेड़ की डाली से लटका देता।
 डॉन ने खुद को बुराई से बचाने के लिए और उस छोटी लड़की की आत्मा को शांत करने के लिए ऐसा करता था। जल्दी ही डॉन ने पूरे द्वीप पर गुडियों से भर दिया। वह एकत्र की गई डॉल्स को न तो साफ करता था और न उन्हें ठीक करने का प्रयास करता था, बल्कि उन्हें क्षत-विक्षत आंखों व अंगों व गंदगीयुक्त गुड़ियों को वृक्ष की शाखाओं पर लटका देता था। जॉन सब्जियां व फल उगाकर बेचता था और उनके बदले गुड़िया लेता था।
जूलियाना ने अपने जीवन में हजारों की संख्या में इन गुड़ियों को इस द्वीप पर एकत्र किया, उसने नहर में डूबी छोटी लड़की  की आत्मा की शांति के  लिए एक झोपड़ीनुमा घर का भी निर्माण किया जिसमें उसने खास रंग रूप और बनावट वाली गुड़ियों को झोपड़ी की दीवारों खंभों पर रस्सियों के सहारे से लटकाया है। 2001 में जॉन की मृत्यु हुई और  शरीर भी उसी नहर में मिला था जिसमें वह बच्ची क मौत की बात कहता था।

खौफनाक नजारा


बचपन में आपने गुड़िया तो जरूर खरीदी होंगी, जिन्हें आप खुद से अलग भी नहीं होने देना चाहते थे। मगर बड़े होने पर डॉल्स को देखकर कुछ लोग असहज महसूस करने लगते हैं, ऐसा इसलिए भी है, क्योंकि गुडियों को लेकर कई तरह अंधविश्वास जो जुड़े हुए हैं। सोचिए कि आपको किसी स्थान पर कोई पुरानी टूटी-फूटी और डरावनी गुड़िया पेड़ पर हवा में लहराती दिखाई पड़ती है और अचानक से आपके ऊपर गिर पड़े तो आप जरूर डर जाएंगे। जी हां, मैक्सिको के 'आईलेंड आफ डॉल्स' में आकर आप इसी तरह महसूस कर सकते हैं।  यहां आने पर सैकड़ों डॉल्स आपको भयावह, अजीब और विक्षत आंखों से आपको टकटकी लगाए देखती नजर साथ ही इन्हें देखकर बीमार छोटे बच्चों के मृत शरीर जैसा एहसास होता है।
 इसके अलावा जो डॉल्स पुरानी हो चुकी है या धूप पड़ने, धूल मिट्टी चढ़ मकड़ी के जालों में लिपटी होने के कारण अत्यंत डरावनी और बीमार नजर आती है।  मैक्सिको के स्थानीय लोगों के अनुसार आप यदि शाम के अंधेरे में इस आईलैंड पर घूमते हैं, तो हवा चलने के साथ ही आप इनके आपस में फुसफुसाकर बतियाने की आवाज सुनाई पड़ती हैं और वे अपने लिए पर्यटकों से गिफ्ट की मांग भी करती हैं। और आईलैंड पर कदम रखने के लिए उन्हें गिफ्ट देन पड़तें हैं। 1990 में इस द्वीप के एक राष्ट्रीय धरोहर स्थल घोषित कर दिया गया।

1 comment:

  1. अजीबो गरीब टापू है यह अमरेन्द्र सहाय अमर

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